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Thursday 19 May 2016

Dard bhari shayari


कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।

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वो लफ्ज कहाँ से लाऊं...
जो तेरे दिल को मोम कर दे...,
मेरा वजूद पिघल रहा है...
तेरी बेरूखी से..!!

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"अगर मुझसे मोहब्बत थी तो बताया होता **

कभी थोड़ा सा ही लेकिन ये जताया होता
इस तरह आज तमाशा ना सरेआम बनता *
थोड़ा सा हौसला जो तुमने दिखाया होता '




Tuesday 17 May 2016

Dard shayari

है इश्क एक गुनाह तो ये गुनाह कर लिया..
 तेरे दर्द से इस दिल को तबाह कर लिया..
 गम बहुत हैं जिंदगी में, इसलिए जाने जां,
 खामोशियों से ही प्यार बेपनाह कर लिया.. ...




प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं;
तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं;
हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं;...
और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है।


जीत की खातिर बस जूनून चाहिए;
 जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिए;
 ये आसमां भी आयेगा ज़मीं पर;
 बस इरादों में जीत की गूंज चाहिए।

Monday 9 May 2016

चुटकी भर लाल रंग

★ चुटकी भर लाल रंग ★





मैं खोई रहती हूँ अपने ख्यालों में,
व्यस्त रहती हूँ जीवन की उधेड़बुन में....!!
न मुझे दूसरों की खुशियों से ईर्ष्या है,
न अपने ग़मो से शिकायत।
मेरा जीवन अलबेला है मेरे लिए......!!


एक दिन ये सिलसिला बदल जाता है,
कोई टूटता तारा मेरे जीवन की दिशा बदल कर
एक नई राह की ओर ले जाता है!!
हम दोनों साथ-साथ चलने लगते है।
आखिर थक कर मैं पूछ बैठती हूँ.......,,


 "मंजिल कहाँ है ...?"

*वो* मुस्कुरा के फेला देता है अपनी दोनों बाहें

 *मैं* अपनी नादानी पर हँसती हूँ, शरमा जाती हूँ
 सिमट जाती हूँ अपने ही आँचल मे,
*वो* कुछ कहते नही, ......बस पास आकर
 पवित्र मन से "चुटकी भर लाल रंग"
 भर देता है मेरी सूनी मांग में।।

एक अटूट बंधन में ....
न जाने कब बांध लेता है अपने से मुझे हमेशा के लिए




Thursday 5 May 2016




True Love is Growing Old Together




सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए और जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!
तज़ुर्बा है मेरा....
मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है, संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!




जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों, यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...
पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;
लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......


कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में…
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते…





जो नही ज़मी से कम...
अजीब अपनी महोब्बत है..
अजीब इसके सितम..
सोचुँ तो नहीं जिन्दगी तुमसे ज्यादा...
सोचुँ तो नहीं तुम जिन्दगी से कम..