LOvE ShaYaRi
जीत
किसके लिए,हार किसके
लिए,
जिन्दगी भर यह तकरार
किसके लिए,
जो भी आया
है वो जाऐगा एक
दिन,
फिर ये अहंकार
किसके लिए।..
तलाश
मेरी थी और भटक
रहा था वो,
दिल
मेरा था और धड़क
रहा था वो,
प्यार
का तालुक भी अजीब होता
है,
आंसू
मेरे थे सिसक रहा
था वो.
सिर्फ
जुबां से किया हुआ
ही वादा नहीं होता,
बार-बार इजहार से
प्यार ज्यादा नहीं होता,
मुझे
जानना है तो मेरी
रूह में समा जाओ,
सिर्फ
कनारे से समंदर का
अंदाजा नहीं होता
जब
कोई ख्याल दिल से टकराता
है!
दिल
न चाह कर भी,
खामोश रह जाता है!
कोई
सब कुछ कहकर, प्यार
जताता है!
कोई
कुछ न कहकर भी,
सब बोल जाता है!...
“ऎ
ज़िंदगी...तु कितनी भी
खुबसुरत क्युं ना हो...,
उसके
बगैर तु मुझे अच्छी
नहीं लगती...।”