Tuesday 19 April 2016

Dard Bhari Shayari

Dard bhari shayari

किस कदर अन्जान है यह सिलसिला ऐ इश्क,
मोहब्बत तो कायम रहती है मगर इन्सान टूट जाते है।


बिकती है ना ख़ुशी कहीं और ना कहीं गम बिकता है,
लोग गलतफहमी में हैं, कि शायद कहीं मरहम बिकता है..


खामोशियां कर दें बयान तो अलग बात है......!!
कुछ दर्द यैसे भी होते हैं जो लफजों मे उतारे ही नही जाते.....!!


यूँ तो मोहब्बत की सारी हकीक़त से वाकिफ है हम
पर उसे देखा तो सोचा चलो ज़िन्दगी बर्बाद कर ही लेते है..


कुछ तुम्हारी उलझनें, कुछ हमारी कश्मकश...
बस यूँ ही एक खूबसूरत कहानी को खत्म कर दिया हमने...


खूबियाँ इतनी तो नही हम मे,
कि तुम्हे कभी याद आएँगे...
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर,
आप हमे कभी भूल नही पाएँगे


आँसु आ जाते है आँखो मे
पर होंटों पर हँसी लानी पड़ती है
यह मोहब्बत भी क्या चीज़ है
जो एक से करते है
और हजारो से छुपानी पड़ती है....


जिन्दगी का सफर तो एक हसीन सफर नहीं,
हर किसी को तलाश है,
किसी के पास मजिल है तो राह नहीं,
औऱ किसी के पास राह है तो मजिल नहीं।


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